"रजनीश": अवतरणों में अंतर
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पंक्ति १६:
* लोग बुद्ध को इतना प्रेम करते हैं कि वो उनका मज़ाक भी उड़ा सकते हैं. ये अथाह प्रेम कि वजह से है; इसलिए उनमे डर नहीं है।
* जब मैं कहता हूँ कि आप लोग देवी-देवता हैं तो मेरा मतलब होता है कि आप में अनंत संभावनाएं है, आपकी क्षमताएं अनंत हैं।
*जो भगवान अपने सामने रखे हुए दिये को नहीं जला सकता, वो तुम्हारे जीवन में प्रकाश कैसे ला सकता है।
==बाह्य सूत्र==
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