"सुविचार सागर": अवतरणों में अंतर
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* ऐसी बानी बोलिये , मन का आपा खोय । <Br /> औरन को शीतल करै , आपहुं शीतल होय ॥
* बच्चों को शिक्षा के साथ यह भी सिखाया जाना चाहिए कि वह मात्र एक व्यक्ति नहीं है, संपूर्ण राष्ट्र की थाती हैं। उससे कुछ भी गलत हो जाएगा तो उसकी और उसके परिवार की ही नहीं बल्कि पूरे समाज और पूरे देश की दुनिया में बदनामी होगी। बचपन से उसे यह सिखाने से उसके मन में यह भावना पैदा होगी कि वह कुछ ऐसा करे जिससे कि देश का नाम रोशन हो। योग- शिक्षा इस मार्ग पर बच्चे को ले जाने में सहायक है। <Br /> -[[स्वामी रामदेव]]
* पोथी पढ़ि - पढ़ि जग मुआ, पंडित हुआ न कोय।<Br /> ढाई आखर प्रेम का, पढ़ै सो पण्डित होय।।
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