"घाघ की कहावतें": अवतरणों में अंतर

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कृतिका बरसै अन्त बहूतो।।
 
यदि चैत मास में अश्विनी नक्षत्र बरसे तो वर्षा ऋतु के अन्त में झुरा पड़ेगा; रेतवीरेवती नक्षत्र बरसे तो वर्षा नाममात्र की होगी; भरणी नक्षत्र बरसे तो घास भी सूख जाएगी और कृतिका नक्षत्र बरसे तो अच्छी वर्षा होगी।
 
आसाढ़ी पूनो दिना, गाज बीजु बरसंत। <br>