"सुभाषित सहस्र": अवतरणों में अंतर

तीसरे पक्ष के वेबलिंक हटाये गये
पंक्ति ६:
अर्नाल्ड</P>
<P>संसार रूपी कटु-वृक्ष के केवल दो फल ही अमृत के समान हैं&nbsp;; पहला, सुभाषितों
का रसास्वाद और दूसरा, अच्छे लोगों की संगति ।<BR>— [http://www.hindisahityadarpan.in/2012/01/complete-chanakya-neeti-in-hindi.html चाणक्य]</P>
<P>सही मायने में बुद्धिपूर्ण विचार हजारों दिमागों में आते रहे हैं । लेकिन उनको
अपना बनाने के लिये हमको ही उन पर गहराई से तब तक विचार करना चाहिये जब तक कि वे
हमारी अनुभूति में जड न जमा लें ।<BR>— गोथे</P>
<P>मैं उक्तियों से घृणा करता हूँ । वह कहो जो तुम जानते हो ।<BR>— इमर्सन</P>
<P>किसी कम पढे व्यक्ति द्वारा सुभाषित पढना उत्तम होगा।<BR>— [http://www.hindisahityadarpan.in/2013/09/hindi-quotes-about-different-life-aspects.html सर विंस्टन चर्चिल]</P>
<P>बुद्धिमानो की बुद्धिमता और बरसों का अनुभव सुभाषितों में संग्रह किया जा सकता
है।<BR>— आईजक दिसराली</P>
पंक्ति ३१:
एक ऐसी भाषा जिसको प्रकृति अवश्य सुनेगी और जिसका सदा वह उत्तर देगी ।<BR>— प्रो.
हाल</P>
<P>काफी हद तक [http://www.hindisahityadarpan.in/2012/01/incredible-quotes-about-maths.html गणित] का संबन्ध (केवल) सूत्रों और समीकरणों से ही नहीं है । इसका
सम्बन्ध सी.डी से , कैट-स्कैन से , पार्किंग-मीटरों से , राष्ट्रपति-चुनावों से और
कम्प्युटर-ग्राफिक्स से है । गणित इस जगत को देखने और इसका वर्णन करने के लिये है
पंक्ति १३५:
गोपाल शेवड़े </P>
<P>साहित्य का कर्तव्य केवल ज्ञान देना नहीं है , परंतु एक नया वातावरण देना भी है
।<BR>— '''[http://www.gyanipandit.com/quotes-by-sarvepalli-radhakrishnan-in-hindi/ डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन]''' </P>
<P>&nbsp;</P>
<P><STRONG><FONT color=#0000ff>संगति / सत्संगति / कुसंगति / मित्रलाभ / एकता /
पंक्ति १४९:
<P>जो कोई भी हों , सैकडो मित्र बनाने चाहिये । देखो, मित्र चूहे की सहायता से
कबूतर (जाल के) बन्धन से मुक्त हो गये थे ।<BR>— पंचतंत्र</P>
<P>को लाभो गुणिसंगमः ( लाभ क्या है&nbsp;? गुणियों का साथ )<BR>— [http://www.hindisahityadarpan.in/2012/09/1-incredible-sanskrit-shlokas.html भर्तृहरि]</P>
<P>सत्संगतिः स्वर्गवास: ( सत्संगति स्वर्ग में रहने के समान है ) </P>
<P>संहतिः कार्यसाधिका । ( एकता से कार्य सिद्ध होते हैं )<BR>— पंचतंत्र</P>
पंक्ति २०८:
<P>जिस काम को करने में डर लगता है उसको करने का नाम ही साहस है ।</P>
<P>मुट्ठीभर संकल्पवान लोग, जिनकी अपने लक्ष्य में दृढ़ आस्था है, इतिहास की धारा
को बदल सकते हैं।<BR>- [http://www.hindisahityadarpan.in/2011/12/mahatma-gandhi-quotes-hindi.html महात्मा गांधी]</P>
<P>किसी की करुणा व पीड़ा को देख कर मोम की तरह दर्याद्र हो पिघलनेवाला ह्रदय तो
रखो परंतु विपत्ति की आंच आने पर कष्टों-प्रतिकूलताओं के थपेड़े खाते रहने की
स्थिति में चट्टान की तरह दृढ़ व ठोस भी बने रहो।<BR>- द्रोणाचार्य</P>
<P>यह सच है कि पानी में तैरनेवाले ही डूबते हैं, किनारे पर खड़े रहनेवाले नहीं,
मगर ऐसे लोग कभी तैरना भी नहीं सीख पाते।<BR>- '''[http://www.gyanipandit.com/sardar-vallabhbhai-patel-thought-in-hindi/ वल्लभभाई पटेल]'''</P>
<P>वस्तुतः अच्छा समाज वह नहीं है जिसके अधिकांश सदस्य अच्छे हैं बल्कि वह है जो
अपने बुरे सदस्यों को प्रेम के साथ अच्छा बनाने में सतत् प्रयत्नशील है।<BR>-
पंक्ति ४०९:
शास्त्र /सम्पत्ति / ऐश्वर्य</FONT></STRONG></P>
<P>दान , भोग और नाश ये धन की तीन गतियाँ हैं । जो न देता है और न ही भोगता है,
उसके धन की तृतीय गति ( नाश ) होती है ।<BR>— [http://www.hindisahityadarpan.in/2013/09/subhashit-about-three-states-of-money.html भर्तृहरि]</P>
<P>हिरण्यं एव अर्जय , निष्फलाः कलाः । ( सोना ( धन ) ही कमाओ , कलाएँ निष्फल है
)<BR>— महाकवि माघ</P>
पंक्ति ५२०:
<P><STRONG><FONT color=#0000ff>लोकतन्त्र / प्रजातन्त्र /
जनतन्त्र</FONT></STRONG></P>
<P>लोकतन्त्र , जनता की , जनता द्वारा , जनता के लिये सरकार होती है ।<BR>— [http://www.hindisahityadarpan.in/2013/08/top-abraham-lincoln-hindi-quotes-leadership.html अब्राहम लिंकन]</P>
<P>लोकतंत्र इस धारणा पर आधारित है कि साधारण लोगों में असाधारण संभावनाएँ होती है
।<BR>— हेनरी एमर्शन फास्डिक</P>
पंक्ति ५३७:
विश्वास नहीं है।<BR>बहुमत का शासन जब ज़ोर-जबरदस्ती का शासन हो जाए तो वह उतना ही
असहनीय हो जाता है जितना कि नौकरशाही का शासन।<BR>— महात्मा गांधी</P>
<P>सर्वसाधारण जनता की उपेक्षा एक बड़ा राष्ट्रीय अपराध है ।<BR>–[http://www.hindisahityadarpan.in/2011/11/great-quotations-by-swami-vivekananda.html स्वामी विवेकानंद]
</P>
<P>लोकतंत्र के पौधे का, चाहे वह किसी भी किस्म का क्यों न हो तानाशाही में पनपना
पंक्ति ६३८:
<P>इतिहास, शक्तिशाली लोगों द्वारा, उनके धन और बल की रक्षा के लिये लिखा जाता है
।</P>
<P>इतिहास , असत्यों पर एकत्र की गयी सहमति है।<BR>— [http://www.hindisahityadarpan.in/2011/12/napoleon-bonaparte-quotes-in-hindi.html नेपोलियन बोनापार्ट]</P>
<P>जो इतिहास को याद नहीं रखते , उनको इतिहास को दुहराने का दण्ड मिलता है ।<BR>—
जार्ज सन्तायन</P>
पंक्ति ९०८:
को साथ- साथ ध्यान में रखते हुए भी स्वतंत्र रूप से कार्य करने की क्षमता का होना
।<BR>— स्काट फिट्जेराल्ड </P>
<P>आत्मदीपो भवः ।<BR>( अपना दीपक स्वयं बनो । )<BR>— '''[http://www.gyanipandit.com/gautam-buddha-quotes-in-hindi-with-image/ गौतम बुद्ध]'''</P>
<P>इतने सारे लोग और इतनी थोडी सोच&nbsp;!</P>
<P>सभी प्राचीन महान नहीं है और न नया, नया होने मात्र से निंदनीय है। विवेकवान लोग
पंक्ति १,६३५:
हितोपदेश</P>
<P>पुष्प की सुगंध वायु के विपरीत कभी नहीं जाती लेकिन मानव के सदगुण की महक सब ओर
फैल जाती है ।<BR>–'''[http://www.gyanipandit.com/gautam-buddha-quotes-in-hindi-with-image/ गौतम बुद्ध]''' </P>
<P>&nbsp;</P>
<P>&nbsp;</P>
पंक्ति १,६४९:
है।<BR>- सांख्य दर्शन</P>
<P>भोगविलास ही जिनके जीवन का प्रयोजन<BR>आलसी, असंयत करें अत्यधिक भोजन।<BR>मार
करता है इन निर्बलों की तवाही<BR>करे कृश वृक्ष को ज्यों पवन धराशाई।।<BR>—-'''[http://www.gyanipandit.com/gautam-buddha-quotes-in-hindi-with-image/ गौतम बुद्ध]''' (धम्मपद ७) </P>
<P>संयम और श्रम मानव के दो सर्वोत्तम चिकित्सक हैं । श्रम से भूख तेज होती है और
संयम अतिभोग को रोकता है ।<BR>— रूसो</P>
पंक्ति १,६८९:
होय ॥</P>
 
'''[http://www.gyanipandit.com/hindi-quotes-on-life/ प्रेम(Love Quotes In Hindi)]'''
 
<P><STRONG>क्षमा / बदला </STRONG></P>
पंक्ति १,७७७:
<P>जैसे जल द्वारा अग्नि को शांत किया जाता है वैसे ही ज्ञान के द्वारा मन को शांत
रखना चाहिये |<BR>— वेदव्यास </P>
<P>जो अपने ऊपर विजय प्राप्त करता है वही सबसे बड़ा विजयी हैं ।<BR>–'''[http://www.gyanipandit.com/gautam-buddha-quotes-in-hindi-with-image/ गौतम बुद्ध]''' </P>
</P>
<P>वही उन्नति करता है जो स्वयं अपने को उपदेश देता है। -स्वामी रामतीर्थ </P>
<P>अपने विषय में कुछ कहना प्राय:बहुत कठिन हो जाता है क्योंकि अपने दोष देखना आपको
Line २,१४४ ⟶ २,१४३:
<P>विश्व एक महान पुस्तक है जिसमें वे लोग केवल एक ही पृष्ठ पढ पाते हैं जो कभी घर
से बाहर नहीं निकलते ।<BR>— आगस्टाइन</P>
<P>दुख और वेदना के अथाह सागर वाले इस संसार में '''[http://www.gyanipandit.com/hindi-quotes-on-life/ प्रेम]''' की अत्यधिक आवश्यकता है। -डा
रामकुमार वर्मा </P>
<P>डूबते को तारना ही अच्छे इंसान का कर्तव्य होता है। -अज्ञात </P>
Line २,१९३ ⟶ २,१९२:
है। - रवीन्द्रनाथ ठाकुर </P>
<P>मनुष्य क्रोध को प्रेम से, पाप को सदाचार से लोभ को दान से और झूठ को सत्य से
जीत सकता है । -''''[http://www.gyanipandit.com/gautam-buddha-quotes-in-hindi-with-image/ गौतम बुद्ध]''' </P>
<P>स्वतंत्रता हमारा जन्म सिद्ध अधिकार है! -लोकमान्य तिलक </P>
<P>त्योहार साल की गति के पड़ाव हैं, जहां भिन्न-भिन्न मनोरंजन हैं, भिन्न-भिन्न
Line २,२११ ⟶ २,२१०:
अरविंद </P>
<P>सत्याग्रह की लड़ाई हमेशा दो प्रकार की होती है । एक जुल्मों के खिलाफ और दूसरी
स्वयं की दुर्बलता के विरूद्ध । - '''[http://www.gyanipandit.com/sardar-vallabhbhai-patel-thought-in-hindi/ सरदार पटेल]''' </P>
<P>तप ही परम कल्याण का साधन है। दूसरे सारे सुख तो अज्ञान मात्र हैं। - वाल्मीकि
</P>
Line २,२४९ ⟶ २,२४८:
<P>सा विद्या या विमुक्तये.<BR>( विद्या वह है जो बन्धन-मुक्त करती है । )</P>
 
==बाह्य सूत्र==
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काकः कृष्णः पिकः कृष्णः कः भेदः पिककाकयो
वसन्त समये प्राप्ते काकः काकः पिकः पिकः
[[श्रेणी:हिन्दी लोकोक्तियाँ]]