"घाघ की कहावतें": अवतरणों में अंतर

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==जोत==
 
गहरगहिर न जोतै बोवै धान। <br> सो घर कोठिला भरै किसान।।
गहरा न जोतकर धान बोने से उसकी पैदावार खूब होती है।