"कहावतें": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
पंक्ति ८०:
*पानी रहे न धरनी पै, विरला जीवै कोई।
*पय-पान-रस-पानहीं, पान दान सम्मान। जे दस मीटे चाहिए, साव-राज-दीवान।।
*पानी को धन पानी में,नाक कटे बेईमानी में।
===फ===
|
पंक्ति ८०:
*पानी रहे न धरनी पै, विरला जीवै कोई।
*पय-पान-रस-पानहीं, पान दान सम्मान। जे दस मीटे चाहिए, साव-राज-दीवान।।
*पानी को धन पानी में,नाक कटे बेईमानी में।
===फ===
|