"कहावतें": अवतरणों में अंतर

पंक्ति ३१:
*कमला नारी कूपजल,और बरगद की छांय।गरमी में शीतल रहें शीतल में गरमाय।
*काबुल गये मुगल बन आये, बोलन लागे वानी।आव-आव कर मर गये, खटिया तर रओ पानी।
*कोदन की रोटी, और कल्लू लुगाई।पानी के मइरे में, राम की का थराई
 
===ख===