"कहावतें": अवतरणों में अंतर

पंक्ति ३०:
*कान-आँख-मोती-मतौ बासन-बाजौ ताल।गढ़ मठ डौड़ा जंत्र पुनि, जै फूटे बेहाल।
*कमला नारी कूपजल,और बरगद की छांय।गरमी में शीतल रहें शीतल में गरमाय।
*काबुल गये मुगल बन आये, बोलन लागे वानी।आव-आव कर मर गये, खटिया तर रओ पानी।
 
===ख===