"कहावतें": अवतरणों में अंतर

पंक्ति १०५:
 
===ह===
 
17. आगे रवि, पीछे चले, मंगल जो आषाढ़।
तो बरसे अनमोल हो, धरती उमगे बाढ़।
 
18. अषाढ़ मास अधियारी, चंदा निकरे जल-धारी।
चंदा निकरे बादर फोर, तीन मास को वर्षा जोग।