"स्वामी विवेकानन्द": अवतरणों में अंतर
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* धन्य हैं वो लोग जिनके शरीर दूसरों की सेवा करने में नष्ट हो जाते हैं . – स्वामी विवेकानंद
[[श्रेणी:भारतीय धर्म गुरु]]
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