"बेंजामिन फ्रैंकलिन": अवतरणों में अंतर
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SwatiArora (वार्ता | योगदान) |
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पंक्ति ८:
* बीस साल की उम्र में इंसान अपनी इच्छा से चलता है,तीस में बुद्धि से और चालीस में अपने अनुमान से।
* अज्ञानी होना उतनी शर्म की बात नहीं है जितना कि सीखने की इच्छा ना रखना।
* छोटे-छोटे खर्चों से सावधान रहिये। एक छोटा सा छेद बड़े से जहाज़ को डूबा सकता है।
* लेनदारों की याद्दाश्त देनदारों से अच्छी होती है।
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