"रबिन्द्रनाथ टैगोर": अवतरणों में अंतर

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'''[[:w:रबीन्द्रनाथ ठाकुर|रबिन्द्रनाथ टैगोर]]''' (७ मई १८६१ – ७ अगस्त १९४१) जिन्हें '''रबी ठाकुर''' के नाम से भी जाना जाता है, बंगाली दार्शनिक, कवि और १९१३ का साहित्य में नोबेल पुरस्कार विजेता थे।
 
==रबिन्द्रनाथ टैगोर==
 
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* मौत प्रकाश को ख़त्म करना नहीं है; ये सिर्फ दीपक को बुझाना है क्योंकि सुबह हो गयी है।
* हर बच्चा इसी सन्देश के साथ आता है कि भगवान अभी तक मनुष्यों से हतोत्साहित नहीं हुआ है
 
* "मित्रता की गहराई परिचय की लम्बाई पर निर्भर नहीं करती।" - रबीन्द्रनाथ ठाकुर
* "जो कुछ हमारा है वो हम तक तभी पहुचता है जब हम उसे ग्रहण करने की क्षमता विकसित करते हैं। " - रबीन्द्रनाथ ठाकुर
* "वे लोग जो अच्छाई करने में बहुत ज्यादा व्यस्त होते है, स्वयं अच्छा होने के लिए समय नहीं निकाल पाते।"- रबीन्द्रनाथ ठाकुर
* "मौत प्रकाश को ख़त्म करना नहीं है; ये सिर्फ दीपक को बुझाना है क्योंकि सुबह हो गयी है." - रबीन्द्रनाथ ठाकुर
* "मित्रता की गहराई परिचय की लम्बाई पर निर्भर नहीं करती." - रबीन्द्रनाथ ठाकुर
 
==कविता==
 
चल तू अकेला!
 
तेरा आह्वान सुन कोई ना आए, तो तू चल अकेला,
चल अकेला, चल अकेला, चल तू अकेला!
तेरा आह्वान सुन कोई ना आए, तो चल तू अकेला,
जब सबके मुंह पे पाश..
ओरे ओरे ओ अभागी! सबके मुंह पे पाश,
हर कोई मुंह मोड़के बैठे, हर कोई डर जाय!
तब भी तू दिल खोलके, अरे! जोश में आकर,
मनका गाना गूंज तू अकेला!
जब हर कोई वापस जाय..
ओरे ओरे ओ अभागी! हर कोई बापस जाय..
कानन-कूचकी बेला पर सब कोने में छिप जाय...
- रवीन्द्रनाथ ठाकुर
 
 
==बाहरी कडियाँ==
* '''[http://www.gyanipandit.com/top-10-quotes-by-rabindranath-tagore-in-hindi/ रबिन्द्रनाथ टैगोर के विचार]'''
 
* '''[http://www.gyanipandit.com/rabindranath-tagore-biography-in-hindi/ रवीन्द्रनाथ टागोर जीवनी]'''
 
* [http://greatquotes.in/rabindranath-tagore/ रबीन्द्रनाथ टागोर के प्रमुख सुविचार(Rabindranath Tagore quotes in hindi)]