"संस्कृत की सूक्तियाँ": अवतरणों में अंतर

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:बहुभिर्प्रलापैः किं त्रैलोक्ये सचराचरे ।
:यत्किञ्चिद्वस्तु तत् सर्वं गणितेन् बिना न् हि ॥
 
==सुभाषितानि ०१==