"तेनजिन ग्यात्सो": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
No edit summary |
|||
पंक्ति ३९:
* पुराने दोस्त छूटते हैं और नए दोस्त बनते हैं. यह दिनों की तरह ही है. एक पुराना दिन बीतता है तो एक नया दिन आता है. लेकिन जरुरी है उसे सार्थक बनाना चाहे वह एक सार्थक मित्र हो या सार्थक दिन.
* प्रसन्न रहना हमारे जीवन का उद्देश्य है.
* कभी-कभी कुछ कह कर लोग अपनी एक प्रभावशाली छाप बना देते हैं और कभी-कभी लोग चुप रहकर भी अपनी एक प्रभावशाली छाप बना देते हैं.
==बाह्य सूत्र==
|