"भगत सिंह": अवतरणों में अंतर

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* [[चित्र:Bhagat-singh.gif|thumb|राख का हर एक कण मेरी गर्मी से गतिमान है ,<br>मैं एक ऐसा पागल हूँ जो जेल में भी आज़ाद हैहै। ([http://abpnews.abplive.in/india-news/bhagat_singh_birthday-140433/ स्रोत])]]
==भगत सिंह==
==उक्तियाँ==
* प्रेमी, पागल, और कवीकवि एक ही चीज से बने होते हैं। ~ भगत सिंह
* किसी को “क्रांति ” शब्द की व्याख्या शाब्दिक अर्थ में नहीं करनी चाहिए। जो लोग इस शब्द का उपयोग या दुरूपयोग करते हैं उनके फायदे के हिसाब से इसे अलग अलग अर्थ और अभिप्राय दिए जाते है. ~ भगत सिंहहै।
* मैं इस बात पर जोर देता हूँ कि मैं महत्त्वाकांक्षा, आशा और जीवन के प्रति आकर्षण से भरा हुआ हूँ. पर मैं ज़रुरत पड़ने पर ये सब त्याग सकता हूँ, और वही सच्चा बलिदान है. ~ भगत सिंहहै।
* व्यक्तियो को कुचल कर, वे विचारों को नहीं मार सकते। ~ भगत सिंह
* यदि बहरों को सुनना है तो आवाज़ को बहुत जोरदार होना होगा. जब हमने बम गिराया तो हमारा धेय्य किसी को मारना नहीं था. हमने अंग्रेजी हुकूमत पर बम गिराया था. अंग्रेजों को भारत छोड़ना चाहिए और उसे आज़ाद करना चहिये.चहिए।
* आम तौर पर लोग चीजें जैसी हैं उसके आदि हो जाते हैं और बदलाव के विचार से ही कांपने लगते हैं। हमें इसी निष्क्रियता की भावना को क्रांतिकारी भावना से बदलने की ज़रुरत है.है।
* क़ानून की पवित्रता तभी तक बनी रह सकती है जब तक की वो लोगों की इच्छा की अभिव्यक्ति करे.करे।
* इंसान तभी कुछ करता है जब वो अपने काम के औचित्य को लेकर सुनिश्चित होता है, जैसाकि हम विधान सभा में बम फेंकने को लेकर थे.थे।
* सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है ज़ोर कितना बाज़ू-ए-क़ातिल में हैहै।
* बुराई इसलिए नहीं बढती की बुरे लोग बढ़ गए है बल्कि बुराई इसलिए बढती है क्योंकि बुराई सहन करने वाले लोग बढ़ गये है.है।
* क्रांति की तलवार तो सिर्फ विचारो की शान पर ही तेज होती है.है।
* जो व्यक्ति विकास के लिए खड़ा है उसे हर एक रूढ़िवादी चीज की आलोचना करनी होगी, उसमें अविश्वास करना होगा तथा उसे चुनौती देनी होगी.होगी।
 
==बाह्य सूत्र==
* प्रेमी, पागल, और कवी एक ही चीज से बने होते हैं। ~ भगत सिंह
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{{विकिपीडिया}}
* '''[http://www.gyanipandit.com/bhagat-singh-in-hindi/ हुतात्मा भगतसिंग का इतिहास | Bhagat Singh Biography In Hindiजीवनी]'''
 
[[en:Bhagat Singh]]
* किसी को “क्रांति ” शब्द की व्याख्या शाब्दिक अर्थ में नहीं करनी चाहिए। जो लोग इस शब्द का उपयोग या दुरूपयोग करते हैं उनके फायदे के हिसाब से इसे अलग अलग अर्थ और अभिप्राय दिए जाते है. ~ भगत सिंह
 
* मैं इस बात पर जोर देता हूँ कि मैं महत्त्वाकांक्षा, आशा और जीवन के प्रति आकर्षण से भरा हुआ हूँ. पर मैं ज़रुरत पड़ने पर ये सब त्याग सकता हूँ, और वही सच्चा बलिदान है. ~ भगत सिंह
 
* व्यक्तियो को कुचल कर, वे विचारों को नहीं मार सकते। ~ भगत सिंह
 
* राख का हर एक कण मेरी गर्मी से गतिमान है मैं एक ऐसा पागल हूँ जो जेल में भी आज़ाद है.
 
* यदि बहरों को सुनना है तो आवाज़ को बहुत जोरदार होना होगा. जब हमने बम गिराया तो हमारा धेय्य किसी को मारना नहीं था. हमने अंग्रेजी हुकूमत पर बम गिराया था. अंग्रेजों को भारत छोड़ना चाहिए और उसे आज़ाद करना चहिये.
 
* आम तौर पर लोग चीजें जैसी हैं उसके आदि हो जाते हैं और बदलाव के विचार से ही कांपने लगते हैं। हमें इसी निष्क्रियता की भावना को क्रांतिकारी भावना से बदलने की ज़रुरत है.
 
* क़ानून की पवित्रता तभी तक बनी रह सकती है जब तक की वो लोगों की इच्छा की अभिव्यक्ति करे.
 
* इंसान तभी कुछ करता है जब वो अपने काम के औचित्य को लेकर सुनिश्चित होता है, जैसाकि हम विधान सभा में बम फेंकने को लेकर थे.
 
* सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है ज़ोर कितना बाज़ू-ए-क़ातिल में है
 
* बुराई इसलिए नहीं बढती की बुरे लोग बढ़ गए है बल्कि बुराई इसलिए बढती है क्योंकि बुराई सहन करने वाले लोग बढ़ गये है.
 
* हर कण राख का मेरी ऊर्जा से चलायमान है और मैं एक ऐसा पागल हूँ जो जेल में भी आजाद है.
 
* क्रांति की तलवार तो सिर्फ विचारो की शान पर ही तेज होती है.
 
* जो व्यक्ति विकास के लिए खड़ा है उसे हर एक रूढ़िवादी चीज की आलोचना करनी होगी, उसमें अविश्वास करना होगा तथा उसे चुनौती देनी होगी.
 
==कविता==
 
==बाहरी कडियाँ==
* [http://www.gyanipandit.com/top-10-quote-by-bhagat-singh-in-hindi/ भगत सिंह(Hindi Quotes)]
* '''[http://www.gyanipandit.com/bhagat-singh-in-hindi/ भगतसिंग का इतिहास | Bhagat Singh Biography In Hindi]'''