"कृष्ण": अवतरणों में अंतर

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==उक्तियाँ==
* जो ज्ञानी व्यक्ति ज्ञान और कर्म को एक रूप में देखता है, वही सही मायने में देखता है|है।
** {{cite web
* अपने अनिवार्य कार्य करो, क्योंकि वास्तव में कार्य करना निष्क्रियता से बेहतर है|
| url = http://hindi.speakingtree.in/allslides/content-228248
* मनुष्य अपने विश्वास से निर्मित होता है.जैसा वो विश्वास करता है वैसा वो बन जाता है|
| title = श्रीमद्भगवद्गीता के अनमोल वचन
* प्रबुद्ध व्यक्ति के लिए, गंदगी का ढेर, पत्थर, और सोना सभी समान हैं|
| work = स्पीकिंग ट्री
* व्यक्ति जो चाहे बन सकता है यदी वह विश्वास के साथ इच्छित वस्तु पर लगातार चिंतन करे|
| author = ऋचा शर्मा
* हर व्यक्ति का विश्वास उसकी प्रकृति के अनुसार होता है|
| date = १७ सितंबर २०१३
| accessdate = ३ मई २०१६}}
 
* अपने अनिवार्य कार्य करो, क्योंकि वास्तव में कार्य करना निष्क्रियता से बेहतर है|है।
* मनुष्य अपने विश्वास से निर्मित होता है.जैसा वो विश्वास करता है वैसा वो बन जाता है|है।
* प्रबुद्ध व्यक्ति के लिए, गंदगी का ढेर, पत्थर, और सोना सभी समान हैं|हैं।
* व्यक्ति जो चाहे बन सकता है यदी वह विश्वास के साथ इच्छित वस्तु पर लगातार चिंतन करे|करे।
* हर व्यक्ति का विश्वास उसकी प्रकृति के अनुसार होता है|है।
 
==बाहरी कडियाँ==
"https://hi.wikiquote.org/wiki/कृष्ण" से प्राप्त