"भगत सिंह": अवतरणों में अंतर

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* हर कण राख का मेरी ऊर्जा से चलायमान है और मैं एक ऐसा पागल हूँ जो जेल में भी आजाद है.
 
* क्रांति की तलवार तो सिर्फ विचारो की शान पर ही तेज होती है.
 
* जो व्यक्ति विकास के लिए खड़ा है उसे हर एक रूढ़िवादी चीज की आलोचना करनी होगी, उसमें अविश्वास करना होगा तथा उसे चुनौती देनी होगी.
 
==कविता==