"मोहनदास करमचंद गांधी": अवतरणों में अंतर

No edit summary
पंक्ति २८६:
<br><br>
उपदेश करने से पहले खुद के गुण देखने चाहिए.
<br><br>
निर्मल चरित्र एवं आत्मिक पवित्रता वाला व्यक्तित्व सहजता से लोगों का विश्वास अर्जित करता है और स्वतः अपने आस पास के वातावरण को शुद्ध कर देता है।
<br><br>
नारी को अबला कहना अपमानजनक है। यह पुरुषों का नारी के प्रति अन्याय है।
 
==बाह्य सूत्र==
{{wikipedia}}