"डॉ. सिअस": अवतरणों में अंतर
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'==डॉ.सिअस== * इसलिए रो मत कि सब खत्म हो गया। मुस्कुर...' के साथ नया पृष्ठ बनाया |
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पंक्ति १:
==डॉ.सिअस==
* इसलिए
* कैसे
* बड़ी सावधानी और चतुराई से अपने कदम बढाइये , और याद रखिये की जीवन संतुलन बनाये रखने का एक महान काम है
* आप
* कैसे इतनी जल्दी इतनी देर हो गयी ? दोपहर से पहले ही रात हो गयी , दिसंबर जून से पहले आ गया . हे भगवान समय कैसे उड़ गया . कैसे इतनी जल्दी इतनी देर हो गयी ?
* आज तुम तुम हो ! ये सच से भी सच है ! कोई भी ऐसा नहीं है जो तुमसे जयदा तुम हो !
==कविता==
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