"जार्ज बर्नार्ड शा": अवतरणों में अंतर
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* तुम चीजें देखते हो ; और कहते हो, ‘क्यों ?’ लेकिन मैं उन चीजों के सपने देखता हूँ जो कभी थीं ही नहीं; और मैं कहता हूँ ‘क्यों नहीं ?’
* किसी पुरुष या महिला के पालन-पोषण की आज़माइश तो एक झगड़े में उनके बर्ताव से होती है. जब सब ठीक चल रहा हो तब अच्छा बर्ताव तो कोई भी कर सकता है
* आह, बाघ आपसे प्रेम करेगा. खाने के प्रति प्रेम से सच्चा कोई प्रेम नहीं है
* सफलता कभी गलती ना करने में निहित नहीं होती बल्कि एक ही गलती दोबारा ना करने में निहित होती है
* कम्युनिकेशन के साथ सबसे बड़ी समस्या है कि इसके हो चुकने का भ्रम हो जाना
* अगर तुम्हारे पास एक सेब है और मेरे पास एक सेब है और हम इन सेबों का आदान-प्रदान कर लें तो भी हम दोनों के पास एक-एक ही सेब रहेंगे. लेकिन अगर तुम्हारे पास एक आईडिया है और मेरे पास एक आईडिया है और हम उन आइडियाज का आदान-प्रदान कर लें तो हम दोनों के पास दो-दो आइडियाज हो जायेंगे
==कविता==
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