"तेनजिन ग्यात्सो": अवतरणों में अंतर
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पंक्ति २५:
* जब कभी संभव हो दयालु बने, और ये हमेशा संभव है.
*प्रसन्नता पहले से निर्मित कोई चीज नहीं है। ये आप ही के कर्मों से आती है.
*प्रेम और करुणा आवश्यकताएं हैं, विलासिता नहीं उनके बिना मानवता जीवित नहीं रह सकती.
==बाह्य सूत्र==
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