• यज्जाग्रतो दूरमुदैति दैवं तदु सुप्तस्य तथैवैति ।
दूरंगं ज्योतिषां ज्योतिरेकं तन्मे मनः शिवसंकल्पमस्तु ॥ -- शिवसंकल्पसूक्त
जागृत अवस्था में जो मन दूर दूर तक चला जाता है और सुप्तावस्था में भी दूर दूर तक चला जाता है, वही मन इन्द्रियों रुपी ज्योतियों की एक मात्र ज्योति है अर्थात् इन्द्रियों को प्रकाशित करने वाली एक ज्योति है अथवा जो मन इन्द्रियों का प्रकाशक है। हे परमात्मा ! ऐसा हमारा मन शुभ-कल्याणकारी संकल्पों से युक्त हो !
  • येनेदं भूतं भुवनं भविष्यत् परिगृहीतममृतेन सर्वम् ।
येन यज्ञस्तायते सप्तहोता तन्मे मनः शिवसंकल्पमस्तु ॥
जिस सनातन मन से भूत, भविष्य व वर्त्तमान- तीनों कालों का प्रत्यक्षीकरण होता है, जिसके द्वारा सप्त होतागण यज्ञ का विस्तार करते हैं, ऐसा हमारा मन शुभ संकल्पों से युक्त हो !
  • उठो और संकल्प लेकर कार्य में जुट जाओ। यह जीवन भला है कितने दिन का? जब तुम इस संसार में आये हो तो कुछ चिन्ह छोड़ जाओ अन्यथा तुममें और वृक्षादि में अन्तर ही क्या रह जाएगा। वे भी पैदा होते हैं, परिणाम को प्राप्त होते हैं और मर जाते हैं। -- स्वामी विवेकानन्द
  • जो आदमी संकल्प कर सकता है, उसके लिए कुछ भी असम्भव नहीं है। -- इमर्सन
  • इच्छा का मूल संकल्प है। यज्ञ संकल्प से होते हैं। व्रत और धर्मपालन आदि भी संकल्प से ही होते हैं। -- मनुस्मृति
  • जब हम कोई काम करने की इच्छा करते हैं, तो शक्ति आपने आप ही आ जाती हैं। -- प्रेमचन्द
  • मनुष्य में शक्ति की कमी नही होती, संकल्प की कमी होती है। -- अज्ञात
  • जो संकल्प कर सकता है उसके लिए कुछ भी असम्भव नहीं हैं। -- इमर्सन
  • मनुष्य जितना ज्ञानवान और संकल्पवान बनेगा, उसकी इच्छाएं भी इसी अनुपात में पूर्ण होंगी। -- अथर्ववेद
  • मैं संकल्प लेता हूँ कि जीवन पथ पर प्रत्येक कदम सोच-समझकर रखूंगा और आगे बढ़ा कदम कभी पीछे नहीं हटाऊंगा। -- सूक्ति
  • संकल्प लेकर पुरूषार्थ करने वाले की जीत निश्चित हैं। -- शब्द प्रकाश
  • मेरे लिए सत्य धर्म और हिन्दू धर्म पर्यायवाची शब्द हैं। हिन्दू धर्म में अगर असत्य का कुछ अंश है तो मैं उसे धर्म नहीं मान सकता। अगर इसके लिए सारी हिन्दू जाति मेरा त्याग कर दे और मुझे अकेला ही रहना पड़े तो भी मैं कहूँगा मैं अकेला नहीं। तुम अकेले हो क्योंकि मेरे साथ सत्य है और तुम्हारे साथ नहीं, सत्य तो प्रत्यक्ष परमात्मा हैं। -- महात्मा गांधी
  • अपने भीतर के दोषों का निरिक्षण करों, परीक्षण करों और अध्ययन करो। तब अपने दोषों को स्वीकार करो। कान पकड़ो और कहो कि इन सब दोषों को बाहर निकालकर ही दम लूँगा। संकल्प करो, दृढ़ संकल्प करो तभी तुम जो चाहो कर सकते हो और जो चाहो बन सकते हो। जीवन और भाग्य तुम्हारे हाथ है। -- स्वामी कूटस्थानन्द
  • किसी कार्य का असम्भव या सम्भव होना, व्यक्ति के दृढ़ संकल्प पर निर्भर करता हैं। -- अज्ञात
  • सफलता से ख़ुशी नहीं मिलती हैं बल्कि ख़ुश रहने से सफलता मिलती हैं। हर परिस्थिति में खुश रहने का दृढ़ संकल्प ही आपको सफल बनाएगा। -- अज्ञात
  • कोई सपना सोचने से नहीं पूरा होता हैं उसके लिए आपको दृढ़ संकल्प के साथ कड़ी मेहनत करनी होती हैं। -- कोलिन पॉवेल
  • कुछ लोग सफल होते है क्योकि सफल होना उनके भाग्य में लिखा है, लेकिन अधिक्तर लोग सफल होते है क्योकि वे दृढ़ संकल्पी होते हैं। -- हेनरी वैन डाइक
  • असफलता आपको विनम्र बनाए रखती हैं, सफ़लता आपको उत्साही बनाएं रखती है, लेकिन सिर्फ विश्वास और दृढ़ संकल्प ही आपको कुछ करते रहने की प्रेरणा देती हैं। -- मार्क अमेंड
  • परिश्रम और योग्यता से लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता हैं परन्तु लक्ष्य बड़ा प्राप्त करने के लिए आपको दृढ़ संकल्पी होना चाहिए। -- अज्ञात
  • एक इच्छा से कुछ नहीं बदलता, एक निर्णय से थोड़ा कुछ बदलता हैं, एक दृढ़ संकल्प सब कुछ बदल देता हैं। -- अज्ञात
  • दृढ़ संकल्प ही सच्ची बुद्धिमानी है। -- नेपोलियन बोनापार्ट
  • यदि आप दृढ़ संकल्प और पूर्णता के साथ काम करेंगे तो सफलता अवश्य मिलेगी। -- धीरूभाई अम्बानी

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