एन॰ आर॰ नारायण मूर्ति

नागवार रामाराव नारायण मूर्ति (जन्म - २० अगस्त १९४६), सामान्यतः नारायण मूर्ति के रूप में प्रसिद्ध, एक भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी उद्योगपति और इंफोसिस के सह-संस्थापकों में से हैं, जो कि व्यापार परामर्श, प्रौद्योगिकी, अभियांत्रिकी और आउटसोर्सिंग सेवाओं के क्षेत्र में कार्यरत् एक बहुराष्ट्रीय कंपनी है।

एन॰ आर॰ नारायण मूर्ति

उक्तियाँ सम्पादन

  • प्रदर्शन पहचान दिलाता है। पहचान से सम्मान आता है। सम्मान से शक्ति बढ़ती है। शक्ति मिलने पर विनम्रता और अनुग्रह का भाव रखना किसी संगठन की गरिमा को बढ़ाता है।
  • एक साफ अंतःकरण दुनिया का सबसे नर्म तकिया है।
  • चरित्र + अवसर = सफलता
  • हम ईश्वर में यकीन रखते हैं, बाकी सभी तथ्य जमा करते हैं।
  • जब संदेह में हों, तो बता दें।
  • पैसे की असली शक्ति इसे दान देने की शक्ति का होना है।
  • मैं चाहता हूँ कि इंफोसिस एक ऐसी जगह बने जहाँ विभिन्न लिंग, राष्ट्रीयता, जाति और धर्म के लोग तीव्र प्रतिस्पर्धा लेकिन अत्यंत सद्भाव, शिष्टाचार और गरिमा के वातावरण में एक साथ काम करें और दिन प्रतिदिन हमारे ग्राहकों के काम में अधिक से अधिक मूल्य जोड़ें।
  • प्रगति अक्सर मन और मानसिकता के अंतर के बराबर होती है।
  • हमारी संपत्ति हर शाम दरवाजे से बाहर निकलती है। हमें सुनिश्चित करना होगा कि वो अगली सुबह वापस आ जाए।
  • एक मुमकिन असंभावना एक निश्चित सम्भावना की तुलना में बेहतर है।
  • एक साफ अंतःकरण दुनिया का सबसे नर्म तकिया है।
  • अपने काम से प्रेम करों, जिस कंपनी में काम करते हो उससे नहीं, क्योकि क्या पता कब, वह कम्पनी आप से प्रेम करना बंद कर दे।
  • हमारी संपत्ति हर शाम दरवाजे से बाहर निकलती है। हमें सुनिश्चित करना होगा कि वो अगली सुबह वापस आ जाए।
  • पैसे की असली शक्ति इसे दान देने की शक्ति का होना है।
  • प्रदर्शन पहचान दिलाता है। पहचान से सम्मान आता है। सम्मान से शक्ति बढ़ती है। शक्ति मिलने पर विनम्रता और अनुग्रह का भाव रखना किसी संगठन की गरिमा को बढ़ाता है।

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