• अयं निजः परो वेति गणना लघुचेतसाम् ।
उदारचरितानां तु वसुधैव कुटुम्बकम् ॥
यह मेरा है, यह दूसरे का है - ऐसी सोच संकुचित चित्त वोले व्यक्तियों की होती है। उदारचरित वाले लोगों के लिए तो यह सम्पूर्ण धरती ही एक परिवार जैसी होती है।
  • अपने साथ उपकार करने वालों के साथ जो साधुता बरतता है, उसकी प्रशंसा क्या करें। महात्मा तो वह है जो अपने साथ बुराई करने वालों के साथ भी भलाई करे। -- महात्मा गांधी
  • सुशील, धर्मात्मा और सबके मित्र व प्राणियों पर दया करने वाले पात्र बनो। संसार की अनेकानेक सम्पत्तियां ऐसे पात्र को ही अपना आश्रय बनाती हैं, उसी तरह जैसे पानी नीचे की ओर तथा धुआँ आसमान की ओर स्वाभाविक रूप से गति करता है। -- विष्णु पुराण
  • दुष्ट अपनी दुष्टता, सर्प अपना विष, सिंह रक्तपान जिस प्रकार नहीं छोड़ता, उसी प्रकार उदार अपनी उदारता नहीं छोड़ता। -- स्वामी महावीर
  • प्राकृत के नियम के अनुसार सुख उदारता का और दुःख त्याग का पाठ पढ़ाने आता है। इतना ही नहीं, उदारता त्याग को पुष्ट करती है और त्याग उदारता को सुरक्षित रखता है। उदारता और त्याग को अपना लेने पर सुखियों और दुःखियों में वास्तविक एकता हो जाती है, जिसके होते ही समस्त संघर्ष अपने आप मिट जाते हैं। तब कोई वैर भाव शेष नहीं रहता। -- स्वामी शरणानन्द
  • केवल अपने लिए मांगने वाल भिखारी कहलाता है, किन्तु सबके लिए मांगने वाला साधु कहलाता हैं, -- महादेवी वर्मा
  • कबिरा आप ठगाइये, और न ठगिये कोय।
आप ठगे सुख होत है, और ठगे दुःख होय॥ -- सन्त कबीर
  • सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः ।
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद् दुखभागभवेत् ॥
सभी सुखी हों, सभी निरोग हों। सबका कल्याण हो, कोई दुख का भागी न हो ॥
  • यदि आप इस बात की चिन्ता न करें कि आपके काम का श्रेय किसे मिलने वाला है, तो आप आश्चर्यजनक कार्य कर सकते हैं। -- हैरी एस. ट्रूमेन