अनुनाद सिंह
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' * शत्रु की दुर्बलता जानने तक उसे अपना मित्र बनाएं रखें। -- चाणक्य * शत्रु की बुरी आदतों को सुनकर कानों को सुख मिलता है। -- चाणक्य * आदमी का सबसे बड़ा शत्रु उसका अहंकार है। -...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
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