विद्यार्थी
- काकचेष्टा वकोध्यानं श्वाननिद्रा तथैव च ।
- अल्पहारी गृहत्यागी विद्यार्थी पञ्चलक्षण्म् ॥
- विद्यार्थी के पाँच लक्षण होते हैं : कौवे जैसी दृष्टि, बकुले जैसा ध्यान, कुत्ते जैसी नींद, अल्पहारी तथा गृह का त्याग करने वाला।
- सुखार्थी त्यजेत विद्यां विद्यार्थी त्यजेत सुखम्।
- सुखार्थिनः कुतो विद्या विद्यार्थिनः कुतो सुखम्॥
- सुख चाहने वाले को विद्या और विद्या चाहने वाले को सुख त्याग देना चाहिए। सुख चाहने वाले के लिए विद्या कहाँ और विद्या चाहने वाले को सुख कहाँ है?
- अनालस्यं ब्रह्मचर्यं शीलं गुरुजनादरः ।
- स्वावलम्बः दृढाभ्यासः षडेते छात्र सद्गुणाः ॥
- अनालस्य, ब्रह्मचर्य, शील, गुरुजनों के लिए आदर, स्वावलम्बी होना, और दृढ़ अभ्यास – ये छे छात्र के सद्गुण हैं ।
- आचार्य पुस्तक निवास सहाय वासो ।
- बाह्या इमे पठन पञ्चगुणा नराणाम् ॥
- आचार्य, पुस्तक, निवास, मित्र, और वस्त्र – ये पाँच पठन के लिए आवश्यक बाह्य गुण हैं ।