अर्थातुर के न मित्र होते हैं न बन्धु ; कामातुर को भय और लज्जा नहीं। चिन्ता से आतुर व्यक्ति को सुख होता है न नींद आती है। भूख से आतुर व्यक्ति के पास न बल होता है न तेज।
धनधान्य प्रयोगेषु विद्या सङ्ग्रहेषु च।
आहारे व्यवहारे च त्यक्तलज्जः सुखी भवेत्॥ -- चाणक्य नीति
धन और अनाज के लेन-देन, विद्या प्राप्त करते समय, भोजन तथा आपसी व्यवहार में लज्जा न करनेवाला सुखी रहता है।
किसी महान् उद्देश्य को न चलना उतनी लज्जा की बात नहीं होती, जितनी कि चलने के बाद कठिनाइयों के भय से पीछे हट जाना। -- श्रीराम शर्मा आचार्य
यदि कोई लड़की लज्जा का त्याग कर देती है तो अपने सौन्दर्य का सबसे बड़ा आकर्षण खो देती है। -- सेंट ग्रेगरी
अपने मनमौजीपन में विश्वास करो और अपने शर्मीलेपन को समाप्त कर दो। -- कन्ये वेस्ट
में यह सोचता हूँ की हमारे और हमारे आदर्श स्वरुप के बीच में कई अवरोध (ब्लॉक्स) होते हैं, चाहे वह शर्मीलापन, असुरक्षा, चिंता हो या फिर कोई भोतिक रूकावट, और उस व्यक्ति की कहानी वास्तव में प्रेरणादायक होती है जो अपने इस ब्लाक को हटा देता है। -- टॉम हूपर
वैज्ञानिकों ने शर्मीलेपन का जीन खोज लिया है, उन्होंने इसे बहुत पहले खोज लिया होता, लेकिन यह दूसरे जिंसो के पीछे छुपा हुआ था। -- जोनाथन कत्ज़