मदिरा
- शराब शरीर और आत्मा दोनों का नाश करती है। -- महात्मा गाँधी
- जब आदमी तीसरा प्याला लेता है, तो मदिरा आदमी को पीती है। -- Hokekyō Sho, एक बौद्ध संस्कृत ग्रन्थ
- जब शराब अन्दर जाती है तो सत्य बाहर आता है। -- Charles Dickens, Nicholas Nickleby, Chapter 27. (1838)
- जब शराब अन्दर जती है तो बुद्धि बाहर आती है। -- Thomas Becon, Catechism, 375
- मदिरा में सत्य है। -- रोमन कहावत