बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ

ड्च ईस्ट इंडिया कंपनी का अम्सस्टर्डम स्थित जहाजी बेड़ा (सन १७२६ में)
  • मनुष्य के संगठित जीवन के मूलभूत इकाई के रूप में राष्ट्र राज्य अब प्रमुख सर्जनात्मक बल नहीं (बचा) है। अन्तरराष्ट्रीय बैंक और बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ राष्ट्र राज्य की अपेक्षा बहुत अधिक उन्नत तरीके से काम कर रहीं हैं और योजनाएँ बना रहीं हैं। -- Zbigniew Brzezinski, Between Two Ages: The Technetronic Era, 1971.

सन्दर्भ सम्पादन

इन्हें भी देखें सम्पादन