बजट
किसी दिये हुए समयावधि के लिये बनायी गयी योजना को संख्यात्मक रूप से अभिव्यक्त करना बजट कहलाता है।
उक्तियाँ
सम्पादन- बजट गणित की समस्या (exercise) है, संख्यात्मक परिकलन (number crunching) है। योजना बनाना एक तार्किक और रैखिक प्रक्रिया है। रणनीति बनाने के लिये ग्राहकों और प्रतिस्पर्धियों के बारे में बहुत सारी जानकारी के साथ-साथ वैचारिक योग्यताएँ आवश्यक होती है। सुदूर भविष्य को देखने के लिये मस्तिष्क का जो भाग उपयोग किया जाता है वह बजट बनाने में प्रयुक्त मस्तिष्क के भाग से अलग है। जैसा कि इसका नाम है, इसमें यह देखने की कोशिश की जाती है कि भविष्य के कौन कौन से रूप सम्भावित हैं। इसमें सर्जनात्मक और भावात्मक दोनों प्रकार के घटक हैं। (उदाहरण के लिये, "विकल्पों के बारे में हम क्या सोचते हैं?”)। जब आप विजन के निर्माण के लिये "परम्परागत योजना" (orthodox planning) बनाते हैं तो निराशा और असफलता अवश्य मिलेगी। -- John Kotter, The Heart of Change: Real-Life Stories of How People Change Their Organizations (2002), p. 68