जीवन एक दीर्घ पश्चाताप के सिवा और क्या है! -- मुंशी प्रेमचन्द, गबन में
पश्चाताप के कड़वे फल कभी-न-कभी सभी को चखने पड़ते हैं, लेकिन और लोग बुराईयों पर पछताते हैं, दारोगा कृष्णचन्द्र अपनी भलाइयों पर पछता रहे थे। उन्हें थानेदारी करते हुए पच्चीस वर्ष हो गए, लेकिन उन्होंने अपनी नीयत को कभी बिगड़ने नहीं दिया था। यौवनकाल में भी, जब चित्त भोग-विलास के लिए व्याकुल रहता है, उन्होंने निस्पृह भाव से अपना कर्तव्य पालन किया था। लेकिन इतने दिनों के बाद आज वह अपनी सरलता और विवेक पर हाथ मल रहे थे। -- प्रेमचन्द, सेवासदन में
पछतावा हृदय की वेदना है और निर्मल जीवन का उदय। -- शेक्सपियर
सुधार के बिना पश्चाताप ऐसा है जैसे सुराख़ बंद किये बिना जहाज में से पानी निकलना। -- पामर
मुझे कोई पछतावा नहीं क्योंकि मैंने किसी का बुरा नहीं किया। -- महात्मा गाँधी
कभी-कभी हम बुरे कामों की तरह अच्छे कामों पर भी पछताते हैं। – विलियम हैजलिट
एक आदमी का पश्चाताप दुसरे का संस्मरण होता है। -- आग्डेन नैश
कुछ ऐसे भी लोग होते है जो पश्चाताप करने में बहुत कुशल होते हैं। -- आग्डेन नैश
जवानी एक गलती है; परिपक्कता एक संघर्ष है और बुढ़ापा एक पश्चाताप है। -- बेंजामिन डिजरायली
मेरे जीवन में पछतावा यह है कि मैं कोई और नहीं हूँ। -- वुडी ऐलन