धीरे-धीरे (धैर्य से) रास्ता काटना या चलना चाहिए , धीरे-धीरे सिलाई करना (या वैराग्य लेना) चाहिये, धीरे धीरे पर्वत पर चढ़ना चाहिए, धीरे-धीरे विद्या प्राप्त करना चाहिए और पैसे भी धीरे कमाना चाहिए।
जिस प्रकार सिंह, गज और व्याघ्र आदि को धीरे-धीरे वश में आते हैं, उसी प्रकार वायु भी प्राणायाम के अभ्यास से धीरे-धीरे वश में आ जाती है; लेकिन इसके विपरीत नियम से चलने पर यानी जल्दबाजी करने से वायु साधक (योगी) का विनाश कर देती है।
धीरे-धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होय ।
माली सींचे सौ घड़ा, ॠतु आए फल होय ॥ -- कबीर
यह 'रहीम' निज संग लै, जनमत जगत् न कोय ।
बैर प्रीति अभ्यास जस होत होत ही होय ॥
बैर, प्रीति, अभ्यास और यश इनके साथ संसार में कोई भी जन्म नहीं लेता। ये सारी चीजें तो धीरे-धीरे ही आती हैं।
भविष्य धीरे-धीरे आता है, वर्तमान उड़ जाता है और अतीत हमेशा के लिए खड़ा हो जाता है। -- फ्रेडरिक शीलर
लाभ धीरे-धीरे दिया जाना चाहिए; और इस तरह वे बेहतर स्वाद लेंगे। -- निकोलो मैकियावेली
सामाजिक और आर्थिक मौलिक परिवर्तन क्रमिक रूप से धीरे-धीरे किया जाना चाहिए। -- विक्रम साराभाई