किसी राष्ट्र को प्रदूषित करने का सर्वोत्तम साधन शिक्षा व्यवस्था में नकल की प्रवृत्ति को प्रचलित करना है। देश/ प्रदेश की शिक्षा-प्रणाली की बर्बादी ही उस देश/प्रदेश की बर्बादी के लिए पर्याप्त है। (दक्षिण अफ्रीका के एक प्रोफेसर)
कोई भी देश सही मायनो में तभी आज़ाद होता है, तभी प्रगति कर सकता है जब उसकी संतति केवल भौतिक ही नहीं बल्कि मानसिक और आर्थिक रूप से भी आज़ाद हो।
यह दुर्भाग्य ही है कि आज़ाद भारत को नेता जी सुभाषचंद्र बोस के स्तर का एक भी नेता नहीं मिला, और उसका परिणाम सामने है।
अपने आप को मानसिक गुलामी से आजाद करो। हमारे मन को केवल हम ही आजाद कर सकते हैं। (बॉब मार्ली)