जॉन स्टुअर्ट मिल
ब्रिटिश दार्शनिक और राजनीतिक अर्थशास्त्री
जॉन स्टुअर्ट मिल () ब्रिटेन के प्रसिद्ध आर्थिक, सामजिक, राजनितिक, दार्शनिक, चिन्तक और अर्थशास्त्री थे। उनका जन्म 20 मई 1806 को लन्दन में हुआ। वह स्वतंत्रता, समाज, शासन और महिलाओं पर आदर्शों की वकालत करने के लिए प्रसिद्ध थे। उन्होंने समाज में महिलाओं के जीवन का बारीकी से अवलोकन किया और उनके अधिकारों और सुधारों की वकालत की। मिल, भारत के बारे में अपनी औपनिवेशिक सोच के लिए कुख्यात हैं।
उक्तियाँसंपादित करें
- कई बार कुछ न बोलकर भी आप दूसरों को नुकसान पहुंचा सकते है। वैसे चाहे बोलकर हो या न बोलकर, चोट हमेशा दूसरे व्यक्ति को ही लगती है।
- खुद के लिए कुछ अच्छा करना और इसे खुद के अंदाज़ में करने के तरीके को तभी आज़ादी कहा जाएगा जब आप दूसरे लोगों को भी ऐसा ही करने का मौका दें।
- कई सच ऐसे है जिनके असली अर्थ को समझना तब तक मुमकिन नहीं है जब तक निजी तौर उनसे सीखने के लिए कुछ मिल न जाए।
- जब दो या दो से ज्यादा लोग बातचीत करते है तो वे जिन बातों में विश्वास करते हैं उन्हें सही और जिन बातों को न पसंद करते है उन्हें गलत साबित करने में लग जाते है।
- हर मनुष्य के पास, कुछ भी करने की पूरी आज़ादी होनी चाहिए। लेकिन उसे किसी दूसरे व्यक्ति के जीवन को नुकसान पहुंचाने की इज़ाज़त नहीं होनी चाहिए।
- मैं चश्मे में विश्वास करता हूँ, लेकिन मुझे लगता है कि आँखे अधिक जरुरी हैं।
- युद्ध एक बदसूरत वस्तु है।
- धन अर्जित करें, महिलाओं के साथ संभोग करें।
- ऐसा न हो कि काम की आदत को तोड़ दिया जाए और आलस्य का स्वाद लिया जाए।
- वह जो मामले में केवल अपना पक्ष जानता है, वह बहुत कम जानता है।
- मानव जाति में कोई भी महान सुधार तब तक संभव नहीं है जब तक उसके विचारों के मौलिक संविधान में एक महान परिवर्तन नहीं होता है।
- शिक्षक और शिक्षार्थी दोनोंं ही अपने पद पर सो जाते हैं क्योंंकि मैदान में कोई दुश्मन नहीं होता है।
- ऐसा प्रतीत होता है कि समय आ गया है कि धर्म से असंतोष को ज्ञात करना सभी का कर्तव्य है।
- आदेश या स्थिरता की पार्टी, प्रगति या सुधार की पार्टी, दोनों राजनीतिक जीवन के स्वस्थ राज्य के आवश्यक तत्व है।
- जरूरी नहीं रूढ़िवादी मूर्ख हो, लेकिन अधिकांश मूर्ख लोग रूढ़िवादी हैं।
- एक मात्र स्वतंत्रता जो नाम की हकदार है, वह यह है कि हमारे अपने तरीके से अपने अच्छे का पीछा करना।
- कोई भी महान विचारक नहीं हो सकता है जो यह नहीं मानता है कि एक विचारक के रूप में यह उसका पहला कर्तव्य है कि वह अपनी बुद्धि का अनुसरण करें, निष्कर्ष जो भी हो।
- देशभक्ति बर्बर लोगों से निपटने में सरकार का एक वैध तरीका है, बशर्ते अंत में उनका सुधार हो।
- जो कुछ भी सामान्य है वह स्वाभाविक है।
- मैंने अपनी इच्छाओं को सीमित करके अपनी खुशी की तलाश करना सीख लिया है।
- स्वतंत्रता मानव स्वभाव की पहली और सबसे मजबूत इच्छा है।
- सत्ता के प्रेमी और स्वतंत्रता के प्रेमी परस्पर दुश्मनी में है।
- मानसिक दासता के सामान्य वातावरण में भी महान व्यक्तिगत विचारक हो सकते हैं।
- भाषा मन का प्रकाश है।
- एक विश्वास वाला व्यक्ति एक लाख शक्तियों के बराबर है।
- जो व्यक्ति सिर्फ खुद के बारे में जानता है वह हक़ीक़त में काफी काम जानता है।
- किसी काम को करने से अगर आपको ख़ुशी का एहसास होता है तो आपका काम ठीक है। लेकिन किसी काम को करने में दर्द मिलता है तो आप निश्चित ही कुछ गलत कर रहे है।
- लड़ना गलत नहीं, लेकिन लड़ने की सोच रखना सबसे गलत है।
- परेशानी पैदा करने वाली सोच के साथ उस समस्या का समाधान ढूंढना मुश्किल है।
- जैसे हैं वैसे ही रहने से दुनिया की सभी अच्छी बातें आपके साथ होगी।