- शब्दार्थौ सहितौ काव्यम् (शब्द और अर्थ का समन्वय काव्य है।) (भामह) ;
- संक्षेपात् वाक्यमिष्टार्थव्यवच्छिन्ना, पदावली काव्यम् (अग्नि पुराण);
- शरीरं तावदिष्टार्थव्यवच्छिन्ना पदावली (दंडी);
- ननु शब्दार्थों कायम् (रुद्रट);
- काव्य शब्दोयं गुणलंकार संस्कृतयोः शब्दार्थयोर्वर्तते (आचार्य वामन);
- शब्दार्थशरीरं तावत् काव्यम् (आनन्दवर्धन);
- निर्दोषं गुणवत् काव्यं अलंकारैरलंकृतं रसान्तितम् (भोजराज);
- तददोषौ शब्दार्थों सगुणावनलंकृती पुनः क्वापि (मम्मट)
- गुणालंकाररीतिरससहितौ दोषरहिती शब्दार्थों काव्यम् (वाग्भट);
- निर्दोषा लक्षणवी सरीतिर्गुणभूषिता, सालंकाररसानेकवृत्तिर्भाक् काव्यशब्दभाक् (जयदेव);
- काव्यं रसादिमद्वाक्यं श्रुतं सुखविशेषकृत् (आचार्य शौद्धोदनि);
- वाक्यं रसात्मकं काव्यम् (विश्वनाथ);
- गुणवदलङकृतंच काव्यम् (राजशेखर)।