कन्फ्यूशियस

समाज सुधारक, लेखक तथा राजनेता

कन्फ्यूशियस चीन के एक महान प्राचीन दार्शनिक थे।

कन्फ्यूशियस

विचार सम्पादन

  • अगर आप एक साल की योजना बना रहे है, तो एक बीज बोईये, योजना अगर दस साल की है तो पेड़ लगाईये और अगर योजना सौ साल की है तो शिक्षक बन जाइए।
  • अगर आपको उत्कृष्ट भविष्य का निर्माण करना है, तो अतीत का अध्ययन करें।
  • अच्छी तरह से शासित देश में, गरीबी के लिए शर्मिंदा होना पड़ता है। बुरी तरह से शासित देश में, संपत्ति के लिए शर्मिंदा होना पड़ता है।
  • आप कही भी जाएँ, दिल से जाएँ।
  • आप क्या जानते हैं और आप क्या नहीं जानते हैं का पता होना, ही सच्चा ज्ञान है।
  • ईमानदारी और सच्चाई उच्च-नैतिकता के लिए आधार का काम करती हैं।
  • उस काम का चुनाव करे, जिसे करने में आनंद आता हो। फिर आपको जिंदगी भर एक भी काम नहीं करना पड़ेगा।
  • एक महान व्यक्ति का कथनी में कम, और करनी में ज्यादा होता है।
  • एक शेर से ज्यादा एक दमनकारी सरकार से डरना चाहिए।
  • एक सज्जन अपने कर्मों का अपने शब्दों से मेल नहीं होने पर शर्मिंदा होगा।
  • किसी कमी के साथ एक हीरा बिना किसी कमी के पत्थर से बेहतर है।
  • खामोशी इंसान की सच्ची दोस्त होती है, जो कभी उसके रहस्य उजागर नहीं करती।
  • जब आप अपने दिल में झाकते है, और कोई गलती नहीं पाते, तब आपको चिंता करने और डरने की क्या बात है?
  • जब आप किसी प्रशंसनीय व्यक्ति को देखे तब आप उससे भी अच्छा बनने की चेष्टा करे। लेकिन जब आप अप्रशंसनीय व्यक्ति को देखे, तब स्वयं के अंदर झांककर आत्मनिरीक्षण करे।
  • जब तुम्हारे खुद के दरवाजे की सीढियाँ गन्दी हों, तो पडोसी की छत पे पड़ी गन्दगी को देखना बंद कीजिये।
  • जब भी क्रोध बढ़े, उसके परिणामों के बारे में सोचें।
  • जब यह स्पष्ट हो कि लक्ष्य तक पहुंचा नहीं जा सकता, तब लक्ष्य न बदले। तब लक्ष्य प्राप्ति के लिए अपनाए गए तरीकों में बदलाव लाए।
  • जब हम अपने से विपरीत स्वभाव वाले व्यक्ति को देखे, तब हमें अपने अंदर झांककर उसकी धारणा पर विचार करना चाहिए।
  • जिसे आप खुद नहीं पसंद करते उसे दूसरों पर मत थोपिए।
  • जीतने की संकल्प शक्ति, सफल होने की इच्छा और अपने अंदर मौजूद क्षमताओं के उच्चतम् स्तर तक पहुंचने की तीव्र अभिलाषा, ये ऐसी चाबियां हैं जो व्यक्तिगत उत्कृष्टता के बंद दरवाजे खोल देती है।
  • जीवन की उम्मीदें कर्मठता पर निर्भर है; एक मैकेनिक को अपने काम में खरा उतरने के लिए, पहले अपने उपकरणों को तेज करना जरुरी है।
  • जो व्यक्ति दूसरों की भलाई करता है वह अपनी भलाई निश्चित कर लेता है।
  • तुम बिना कुछ सीखे एक किताब नहीं खोल सकते।
  • दुनिया के हर एक चीज में खूबसूरती होती है, लेकिन हर कोई उसे नहीं देख पाता।
  • धैर्य से बड़ी से बड़ी कठिनाईयों से बाहर निकला जा सकता है।
  • नफरत करना आसान है, प्रेम करना मुश्किल. चीजें इसी तरह काम करती हैं। सारी अच्छी चीजों को पाना मुश्किल होता है, और बुरी चीजें बहुत आसानी से मिल जाती हैं।
  • प्रतिशोध-रथ पर सवार हो तो, यात्रा प्रारम्भ करने से पहले दो कब्र खोदिये।
  • बिना किसी आदर-भावना के अहसास के, हम इंसान को जानवरों से कैसे अलग कर सकते हैं?
  • बुद्धि, करुणा, और साहस, व्यक्ति के लिए तीन सार्वभौमिक मान्यता प्राप्त नैतिक गुण हैं।
  • बुराई को देखना और सुनना ही बुराई की शुरुआत है।
  • महानता कभी ना गिरने में नहीं है, बल्कि हर बार गिरकर उठ जाने में है।
  • मुझे विश्वास है, बुढ़ापा एक सुखद और अच्छी बात है, यह सच है कि धीरे-धीरे चीजें आपके हाँथ से निकल जाती हैं, लेकिन फिर भी दर्शक के रूप में आपको एक आराम दायक अग्रिम स्थान दिया जाता है।
  • मैं दो अन्य पुरुषों के साथ चल रहा हूँ, तो उनमें से प्रत्येक मेरे शिक्षक के रूप में काम करेगा। मैं एक से अच्छी बातों का चयन करूंगा और उनका अनुकरण करूंगा, और अन्य की बुरी बातों का चयन करूंगा और अपने आप में उन्हें सही करूंगा।
  • मैं सुनता हूँ और भूल जाता हूँ, मैं देखता हूँ और याद रखता हूँ, मैं करता हूँ और समझ जाता हूँ।
  • मृत्यु और जीवन के अपने नियोजन निर्धारित हैं, सम्पति और सम्मान भगवान् पर निर्भर करते हैं।
  • यह जानते हुए कि सही क्या है, उसे न करना सबसे बड़ी कायरता है।
  • यह बात कोई मायने नहीं रखती की आप कितना धीमे चल रहे हैं, जब तक की आप रुकें नहीं।
  • यह सबसे अच्छी बात होगी कि अंधेरे को कोसने के बजाए एक छोटा सा दीया जलाया जाए।
  • रत्न बिना रगड़े कभी नहीं चमकते। वैसे ही आदमी का व्यक्तित्व बिना संघर्ष नहीं निखरता।
  • वह जो स्वयं पर विजय प्राप्त करते हैं। वह सबसे बड़े पराक्रमी योद्धा है।
  • वह व्यक्ति जो सीखता है, पर सोचता नहीं वह सीखकर भी खो देगा। वही वह व्यक्ति जो सोचता है, लेकिन सीखता नहीं वह बहुत भारी खतरे में पड़ने वाला होता है।
  • वास्तव में हमारा जीवन बहुत ही सरल हैं, लेकिन हम ही उसे जटिल बनाने पर तुले रहते हैं।
  • वास्तविक शिक्षा वही है जो किसी के अज्ञान की सीमा को जान सके।
  • विश्व को व्यवस्थित रखने के लिए, पहले राष्ट्र को व्यवस्थित रखना होगा, राष्ट्र को व्यवस्थित करने के लिए परिवार को व्यवस्थित करना होगा। परिवार को व्यवस्थित रखने के लिए, व्यक्तिगत जीवन का संवर्धन करना होगा और व्यक्तिगत जीवन के संवर्धन के लिए हमें सबसे पहले अपना दिल साफ रखना होगा।
  • व्यक्ति जितना अधिक अच्छे विचारों पर चिंतन-मनन करेगा, उसकी दुनिया उतनी ही बेहतर एवं व्यापक होगी।
  • श्रेष्ठ व्यक्ति हमेशा धर्माचरण का सोचता है; आम आदमी आराम की सोचता है।
  • सफलता पहले से की गयी तैयारी पर निर्भर है, और बिना ऐसी तैयारी के असफलता निश्चित है।
  • सभी परिस्थितियों में पांच चीजों का अभ्यास सही सद्गुण का गठन करता है; और ये पांच चीजें गुरुत्व, आत्मा की उदारता, नेक नियति, गंभीरता एवं दया हैं।
  • हम अपना ज्ञान तीन तरीको से अर्जित कर सकते हैं। पहला, चिंतन करके, जो कि सबसे सही तरीका है। दूसरा, अनुकरण करके, जो कि सबसे आसान है, और तीसरा अनुभव से, जो कि सबसे कष्टकारी है।
  • अगर आप एक साल की योजना बना रहे है, तो एक बीज बोईये, योजना अगर दस साल की है तो पेड़ लगाईये और अगर योजना सौ साल की है तो शिक्षक बन जाइए।
  • अगर आपको उत्कृष्ट भविष्य का निर्माण करना है, तो अतीत का अध्ययन करें।
  • अच्छी तरह से शासित देश में, गरीबी के लिए शर्मिंदा होना पड़ता है। बुरी तरह से शासित देश में, संपत्ति के लिए शर्मिंदा होना पड़ता है।
  • असफलता निश्चित है अगर सफलता के लिए पहले से तैयारी ना कि गई हो तो।
  • आप कही भी जाएँ, दिल से जाएँ।
  • आप क्या जानते हैं और आप क्या नहीं जानते हैं का पता होना, ही सच्चा ज्ञान है।
  • ईमानदारी और सच्चाई उच्च-नैतिकता के लिए आधार का काम करती हैं।
  • उस काम का चुनाव करे, जिसे करने में आनंद आता हो। फिर आपको जिंदगी भर एक भी काम नहीं करना पड़ेगा।
  • एक महान व्यक्ति का कथनी में कम, और करनी में ज्यादा होता है।
  • एक सज्जन अपने कर्मों का अपने शब्दों से मेल नहीं होने पर शर्मिंदा होगा।
  • किसी कमी के साथ एक हीरा बिना किसी कमी के पत्थर से बेहतर है।
  • खामोशी इंसान की सच्ची दोस्त होती है, जो कभी उसके रहस्य उजागर नहीं करती।
  • जब आप अपने दिल में झाकते है, और कोई गलती नहीं पाते, तब आपको चिंता करने और डरने की क्या बात है।
  • जब आप किसी प्रशंसनीय व्यक्ति को देखे तब आप उससे भी अच्छा बनने की चेष्टा करे। लेकिन जब आप अप्रशंसनीय व्यक्ति को देखे, तब स्वयं के अंदर झांककर आत्मनिरीक्षण करे।
  • जब तुम्हारे खुद के दरवाजे की सीढियाँ गन्दी हों, तो पडोसी की छत पे पड़ी गन्दगी को देखना बंद कीजिये।
  • जब भी क्रोध बढ़े, उसके परिणामों के बारे में सोचें।
  • जब यह स्पष्ट हो कि लक्ष्य तक पहुंचा नहीं जा सकता, तब लक्ष्य न बदले। तब लक्ष्य प्राप्ति के लिए अपनाए गए तरीकों में बदलाव लाए।
  • जब हम अपने से विपरीत स्वभाव वाले व्यक्ति को देखे, तब हमें अपने अंदर झांककर उसकी धारणा पर विचार करना चाहिए।
  • जिसे आप खुद नहीं पसंद करते उसे दूसरों पर मत थोपिए।
  • जीतने की संकल्प शक्ति, सफल होने की इच्छा और अपने अंदर मौजूद क्षमताओं के उच्चतम् स्तर तक पहुंचने की तीव्र अभिलाषा, ये ऐसी चाबियां हैं जो व्यक्तिगत उत्कृष्टता के बंद दरवाजे खोल देती है।
  • जीवन की उम्मीदें कर्मठता पर निर्भर है; एक मैकेनिक को अपने काम में खरा उतरने के लिए, पहले अपने उपकरणों को तेज करना जरुरी है।
  • जो व्यक्ति दूसरों की भलाई करता है वह अपनी भलाई निश्चित कर लेता है।
  • तुम बिना कुछ सीखे एक किताब नहीं खोल सकते।
  • दुनिया के हर एक चीज में खूबसूरती होती है, लेकिन हर कोई उसे नहीं देख पाता।
  • धैर्य से बड़ी से बड़ी कठिनाईयों से बाहर निकला जा सकता है।
  • नफरत करना आसान है, प्रेम करना मुश्किल. चीजें इसी तरह काम करती हैं। सारी अच्छी चीजों को पाना मुश्किल होता है, और बुरी चीजें बहुत आसानी से मिल जाती हैं।
  • प्रतिशोध-रथ पर सवार हो तो, यात्रा प्रारम्भ करने से पहले दो कब्र खोदिये।
  • बिना किसी आदर-भावना के अहसास के, हम इंसान को जानवरों से कैसे अलग कर सकते हैं।
  • बुराई की शुरुआत ही बुराई को देखना और सुनना है।
  • महानता कभी भी ना गिरने में नहीं है.. महानता तो बल्कि हर बार गिरकर उठ जाने में है।
  • मुझे विश्वास है, बुढ़ापा एक सुखद और अच्छी बात है, यह सच है कि धीरे- धीरे चीजें आपके हाँथ से निकल जाती हैं, लेकिन फिर भी दर्शक के रूप में आपको एक आराम दायक अग्रिम स्थान दिया जाता है।
  • मैं दो अन्य पुरुषों के साथ चल रहा हूँ, तो उनमें से प्रत्येक मेरे शिक्षक के रूप में काम करेगा। मैं एक से अच्छी बातों का चयन करूंगा और उनका अनुकरण करूंगा, और अन्य की बुरी बातों का चयन करूंगा और अपने आप में उन्हें सही करूंगा।
  • मैं सुनता हूँ और भूल जाता हूँ, मैं देखता हूँ और याद रखता हूँ, मैं करता हूँ और समझ जाता हूँ।
  • मृत्यु और जीवन के अपने नियोजन निर्धारित हैं, सम्पति और सम्मान भगवान् पर निर्भर करते हैं।
  • यह जानते हुए कि सही क्या है, उसे न करना सबसे बड़ी कायरता है।
  • यह बात कोई मायने नहीं रखती की आप कितना धीमे चल रहे हैं, जब तक की आप रुकें नहीं।
  • यह सबसे अच्छी बात होगी कि अंधेरे को कोसने के बजाए एक छोटा सा दीया जलाया जाए।
  • रत्न बिना रगड़े कभी नहीं चमकते। वैसे ही आदमी का व्यक्तित्व बिना संघर्ष नहीं निखरता।
  • वह जो स्वयं पर विजय प्राप्त करते हैं। वह सबसे बड़े पराक्रमी योद्धा है।
  • वह व्यक्ति जो सीखता है, पर सोचता नहीं वह सीखकर भी खो देगा। वही वह व्यक्ति जो सोचता है, लेकिन सीखता नहीं वह बहुत भारी खतरे में पड़ने वाला होता है।
  • वास्तव में हमारा जीवन बहुत ही सरल हैं, लेकिन हम ही उसे जटिल बनाने पर तुले रहते हैं।
  • वास्तविक शिक्षा वही है जो किसी के अज्ञान की सीमा को जान सके।
  • विश्व को व्यवस्थित रखने के लिए, पहले राष्ट्र को व्यवस्थित रखना होगा, राष्ट्र को व्यवस्थित करने के लिए परिवार को व्यवस्थित करना होगा। परिवार को व्यवस्थित रखने के लिए, व्यक्तिगत जीवन का संवर्धन करना होगा और व्यक्तिगत जीवन के संवर्धन के लिए हमें सबसे पहले अपना दिल साफ रखना होगा।
  • व्यक्ति के लिए तीन सार्वभौमिक मान्यता प्राप्त नैतिक गुण हैं..बुद्धि, करुणा और साहस।
  • व्यक्ति जितना अधिक अच्छे विचारों पर चिंतन-मनन करेगा, उसकी दुनिया उतनी ही बेहतर एवं व्यापक होगी।
  • श्रेष्ठ व्यक्ति हमेशा धर्माचरण का सोचता है; आम आदमी आराम की सोचता है।
  • सभी परिस्थितियों में पांच चीजों का अभ्यास सही सद्गुण का गठन करता है; और ये पांच चीजें गुरुत्व, आत्मा की उदारता, नेक नियति, गंभीरता एवं दया हैं।
  • हम अपना ज्ञान तीन तरीको से अर्जित कर सकते हैं। पहला, चिंतन करके, जो कि सबसे सही तरीका है। दूसरा, अनुकरण करके, जो कि सबसे आसान है, और तीसरा अनुभव से, जो कि सबसे कष्टकारी है।