अल्लूरि सीताराम राजु
अल्लूरि सीताराम राजु (4 जुलाई 1897 – 7 मई 1924) भारत की स्वतन्त्रता के लिये संघर्ष करने वाले एक क्रान्तिकारी थे।
विचार
सम्पादन- एकता में शक्ति है।
- बलिदान के बिना स्वतंत्रता नहीं मिलती।
- स्वतंत्रता ही जन्मसिद्ध अधिकार है।
- जंगल जमीन आदिवासियों का हक है।
- अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाना ही सच्ची ताकत है।
- मातृभूमि के संरक्षण से बड़ा कोई संकल्प नहीं होता।
- क्रूरता का विरोध करना और सही ढंग से उसका प्रतिकार करना ही राष्ट्रधर्म है।
- भारत का कण-कण स्वतंत्र था, है और सदा ही रहेगा।
- वीरों के बलिदानों से सिंचित है अपनी मातृभूमि, इसका कण-कण वीरों की गाथाएं गाता है।
- जल, जंगल – जमीन के संरक्षण में हम अपना सब कुछ लुटा देंगे, यही हमारा कर्तव्य है।
- वीरों के बलिदानों पर हमने इस आजादी को पाया है, आओ इसका हम सम्मान करें।
अल्लूरि सीताराम राजु पर महापुरुषों के विचार
सम्पादन- सीताराम राजू एक वीर सपूत थे जिन्होंने आदिवासी समुदायों के अधिकारों के लिए अथक संघर्ष किया। -- महात्मा गाँधी
- सीताराम राजू एक कुशल रणनीतिकार और प्रेरक नेता थे जिन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह का नेतृत्व किया। -- वल्लभभाई पटेल
- सीताराम राजू एक महान देशभक्त थे जिन्होंने भारत की स्वतंत्रता के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया। -- श्यामा प्रसाद मुखर्जी
- सीताराम राजू ने जाति और वर्ग के बंधनों को तोड़ने के लिए लड़ाई लड़ी। -- भीमराव अम्बेडकर
- सीताराम राजू एक क्रांतिकारी थे जिन्होंने सामाजिक न्याय और समानता के लिए लड़ाई लड़ी। -- जवाहरलाल नेहरू